Skip to main content

today news दशकों सूनी रही अयोध्या की आंखों में अब रंग चमकते हैं, यहां उम्मीदों की नई बयार बहने लगी है, युवाओं को आशा- भविष्य अब बेहतर होगा

सरयू पूरे उफान पर है। प्रवाह इतना तेज और लहरों लहर फैला है कि उस पार किनारा नहीं दिखता। बचपन से सरयू किनारे ठेला लगाने वाले हों या संभावनाशील कारोबारी, उनकी आंखाें में नई चमक है।

युवाओं को साफ दिख रहा है कि मंदिर से जुड़ी राजनीति चाहे जो भी हो, अयोध्या अब हरिद्वार और तिरुपति को पीछे छोड़ने जा रही है। हालांकि, राम मंदिर के आसपास के इलाके के लोगों के चेहरों पर पुनर्निर्माण के दौरान टूट-फूट का डर भी साफ पढ़ा जा सकता है। लेकिन, नई पीढ़ी को लगता है कि उनका भविष्य बेहतर होने जा रहा है।

होटल कारोबारी के अनिल अग्रवाल कहते हैं- 2000 से ज्यादा नए होटल खुलने की संभावना तो है ही, यहां की रेलवे कनेक्टिविटी बढ़ने, एयरपोर्ट बनने और पर्यटन के समृद्ध होने की अपार संभावनाएं हैं। राम नवमी या दिवाली पर यहां विश्वभर से यात्री जुटेंगे। सरयू की महिमा पहले ही इतनी है कि यहां सावन में एक-एक दिन 15-15 लाख लोग जुटते हैं। पिछले साल 2 करोड़ पर्यटक आए थे।

श्रीराम पौड़ी से नया घाट तक पूरी अयोध्या सज रही

श्रीराम पाैड़ी और नया घाट से लेकर रामलला के मंदिर तक पूरी अयोध्या सज रही है। उसकी धज पहले की तुलना में अब इतनी अलग है कि बेहद पुरानी और औसत सी लगने वाली यह धार्मिक-ऐतिहासिक नगरी अब सनातन धर्म का प्रमुख तीर्थ बनने के लिए अंगड़ाइयां तोड़ती लग रही है। हालांकि, इसमें हिंदुत्व की राजनीति भी नींव पूजन के माध्यम से नए उफान का संकेत दे रही है।

यह अयोध्या उस अवध से अलग है, जिसके बारे में कभी नजीर बनारसी ने कहा था- काली बलाएं सर पर पाले, शाम अवध की डेरा डाले, ऐसे में कौन अपने को संभाले, मेरा निवास स्थान यही है, प्यारा हिंदोस्तान यही है! अयोध्या में आप जहां भी जाएंगे, पीले रंग की पुताई का काम दिखेगा। पीले रंग वाले इन भवनों के सब दरवाजे भगवा हो रहे हैं।

बदलाव दिखने लगा है

राम की पाैड़ी, नया घाट, कनक भवन मंदिर और मुख्य मार्गों पर एक बदलाव साफ दिख रहा है। कल तक अयोध्या के जो क्षेत्र वीरान और गर्दों गुबार से ढके थे, वे अब बोलते घर हो गए हैं। ऐसे घर, जिनके आंगन में मोदी-योगी की राजनीति भी आकार लेगी! हालांकि, कोरोना के कारण सब जगह घबराहट है।

फिर भी देशभर से तीर्थ यात्री अयोध्या आ रहे हैं। अयोध्या से सटे फैजाबाद में राजकोट के गोविंद भाई मेहता बताते हैं कि वे बचपन से अयोध्या आ रहे हैं। पहले यह बड़ा चुप और सूना-सूना शहर था, लेकिन अब इसकी तासीर बदल रही है। वे एक कविता गुनगुनाते हैं- लौट आओ जो कभी राम की सूरत तुम तो! मन का सुनसान अवध दीप नगर हो जाए! वे कहते हैं, पूरे परिवार के साथ दीपोत्सव में दीप जलाने आए हैं। यहां लोग कहते हैं कि राम मंदिर बन जाएगा, अच्छा है।

मन की मुराद पूरी हो जाएगी, लेकिन अभी तो कोरोना के कारण अवध के चमन से चहक गायब और महक नदारद है! अलबत्ता, सियासत के दरिया में ज़रूर मौजें उठ रही हैं। खासकर भाजपा और हिंदुत्व के बादल इस सावन में गरज और बरस रहे हैं! जगह-जगह लगे बड़े-बड़े होर्डिंग इसी इबारत को बांच रहे हैं।

तिरुपति से समझिए कि एक धर्मस्थल पूरे इलाके को कैसे बदल सकता है

आंध्रप्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में 21 हजार कर्मचारी हैं। राेज 65 हजार श्रद्धालु आते हैं। मंदिर की धर्मशालाओं के अलावा शहर में 800 से ज्यादा होटल हैं, जो श्रद्धालुओं पर ही निर्भर हैं। इन होटलों में हजारों कर्मचारी हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 20 हजार से ज्यादा ऑटो-टैक्सियां चलती हैं।

धर्मस्थल होने की वजह से यहां दशकों से अरबों रुपयों के विकास कार्य हो चुके हैं। 1 हजार से ज्यादा दुकानें-रेस्त्रां श्रद्धालुओं के दम पर चल रही हैं। इलाके के 2 लाख परिवारों की आमदनी सीधे तौर पर श्रद्धालुओं-पर्यटकों पर निर्भर है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर पूरे अयोध्या में जोर-शोर से तैयारियां चल रहीं हैं। पूरी अयोध्या को सजाया जा रहा है।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3flWISi
via

Comments

Popular posts from this blog

today મોતના 58 દિવસ બાદ પહેલી વખત સામે આવ્યાં 15 પેજ, જેમાં લખ્યું હતું કે - પરિવાર સાથે રહેશે, કોઇ તેમનાથી દૂર ના જાય તેનું ધ્યાન રાખશે

સુશાંત સિંહ રાજપૂતની ડાયરીના 15 પેજ તેમની મોતના 58 દિવસ બાદ સામે આવ્યાં છે. આ પેજમાં તેમના સપના હતા, પોતાને તૈયાર કરવાની ઇચ્છા હતી અને કેટલીક વ્યથાઓ પણ હતી. તેમાં બોલિવૂડથી હોલિવૂડ સુધીની ફ્યૂચર પ્લાનિંગ હતું. બહેન અને ગર્લફ્રેન્ડ સાથેના સંબંધોની વાતો હતી. સુશાંતની ડાયરીમાં 2020ની પ્લાનિંગમાં સૌથી મહત્વનું તે પેજ હતું, જેમાં સુશાંતને તેવું લાગી રહ્યું હતું કે પરિવાર તેનાથી દૂર જઈ રહ્યો છે. પરિવારથી તે છૂટો પડી રહ્યો હતો. જો કે, તેમણે પ્લાનિંગ કર્યો અને લખ્યું પણ કે, તેઓ 2020માં પોતાની પ્લાનિંગમાં પરિવાર સાથે રહેશે. કોઇ તેમનાથી દૂર ના જાય તેનું ધ્યાન રાખશે. પબ્લિક લાઇફમાં સેલ્ફલેસ, કેરિંગ અને રિસ્પોન્સિબલ બનશે. આ ડાયરીના પેજની 5 મહત્વની વાતો સૂત્રોના જણાવ્યા પ્રમાણે, આ 15 પેજ પોલીસની મદદથી મીડિયા પાસે આવ્યાં છે. કહેવાઈ રહ્યું છે કે, આ પેજની મદદથી સુશાંતની પ્લાનિંગ સામે લાવવામાં આવી રહી છે. આ એક રીતે સુશાંતના પરિવારના તે આરોપોનો જવાબ છે કે જેમાં એવું કહેવાઈ રહ્યું હતું કે, સુશાંતને રિયાએ બંધક બનાવી દીધો હતો અને ફરિયાદ કર્યા બાદ પણ પોલીસે કંઇ નથી કર્યું. આ પેજમાં બહેન પ્રિયંકાનું ન...

Can The Heat Beat The Celtics In The 2022 Eastern Conference Finals? - BBALLBREAKDOWN

Can The Heat Beat The Celtics In The 2022 Eastern Conference Finals?    BBALLBREAKDOWN NBA playoffs 2022 - How the Boston Celtics and Miami Heat can take control of the East finals    ESPN Miami Heat at Boston Celtics Game 3 odds, picks and predictions    USA TODAY Sportsbook Wire Marcus Smart was the best player on the floor right when the Celtics needed him most    Celtics Blog Heat @ Celtics: Marcus Smart and Boston hope to maintain energy from Game 2    Sky Sports View Full Coverage on Google News from Top stories - Google News https://ift.tt/L3e1mpV via

today news बिहार चुनाव में बसपा का बटन दबाने पर भी ईवीएम से बीजेपी को वोट जा रहा? जानें सच

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि ईवीएम मशीन में बहुजन समाज पार्टी ( बसपा) के चुनाव चिन्ह हाथी का बटन दबाने पर भी भाजपा के चुनाव चिन्ह के सामने वाली लाइट जल रही है। सोशल मीडिया पर वीडियो बिहार चुनाव का बताया जा रहा है। इसके आधार पर भाजपा पर ईवीएम टेम्परिंग का आरोप लग रहा है। बिहार का चुनाव Jas चैनल की खबर है !! पहले ही चरण की वोटिंग में खेल सुरु हो गया है बीजेपी वोट #डाला_हाथी_पे जाता #कमल पे @ECISVEEP क्या इस पर कोई कार्यवाही होगी pic.twitter.com/zVgJEelgKr — Sajid Ali INC (@sajidalimarwadi) October 31, 2020 और सच क्या है? पड़ताल की शुरुआत में हमने अलग-अलग की-वर्ड के जरिए बिहार चुनाव में ईवीएम की गड़बड़ी से जुड़ी खबरें इंटरनेट पर तलाशनी शुरू कीं। दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार, बिहार की मुंगेर विधानसभा में एक बूथ पर राजद के चुनाव चिन्ह के सामने वोटिंग बटन न होने का मामला सामने आया था। हालांकि, किसी भी मीडिया रिपोर्ट में हमें ऐसा मामला नहीं मिला, जिसमें बसपा का बटन दबाने पर बीजेपी को वोट पड़ने की शिकायत हुई हो। वायरल वीडियो के स्क्...