Skip to main content

today news पूर्व राष्ट्रपति प्रणब नहीं, बल्कि अभिभावक और एक दोस्त के चले जाने से शोक में डूब गया मिराटी गांव

एक अनजानी आशंका लोगों को परेशान कर रही थी, लेकिन लोगों ने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा था। उनको शायद किसी चमत्कार की उम्मीद थी। लेकिन, सोमवार सुबह जब प्रणब मुखर्जी की हालत बिगड़ने की जानकारी मिली तो इन लोगों में निराशा फैलने लगी। शाम को प्रणब मुखर्जी के निधन की खबर आई। इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति के बीरभूम जिले के मिराटी गांव में मातम और सन्नाटा पसर गया।

इस गांव के लोग एक पूर्व राष्ट्रपति नहीं, बल्कि एक अभिभावक और एक ऐसे मित्र के निधन का शोक मना रहे हैं जो आधी रात को भी सबकी समस्याएं सुन कर उनकी मदद के लिए तैयार रहता था। प्रणब का जन्म इसी गांव में हुआ था।

स्वस्थ होने की कामना के लिए यज्ञ
प्रणब मुखर्जी के बीमार होने के बाद इन दोनों गांवों में लोगों ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना के साथ यज्ञ आयोजित किया था। प्रणब के गांव में रहने वाले प्राथमिक स्कूल के शिक्षक कनिष्क चटर्जी कहते हैं, "उनके बीमार होने की खबर मिलने के बाद ही मन खराब हो गया था। लेकिन, हमें उम्मीद थी कि वह मौत को मात देकर लौट आएंगे। ऐसा हो नहीं सका।"

कनिष्क कहते हैं- देश के शीर्ष पद पर पहुंचने के बावजूद प्रणब अपनी जड़ों को नहीं भूले। जब भी मौका मिलता, वे यहां जरूर आते। उनको देख कर कहीं से भी नहीं लगता था कि यह व्यक्ति देश का राष्ट्रपति है। वे ज्यादातर लोगों को नाम से पहचानते थे।

भारत रत्न मिला तो गांव ने खुशियां मनाईं
पिछले साल अगस्त में प्रणब को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया। गांव में खुशियां मनाई गईं। पूर्व राष्ट्रपति के करीबी रहे प्रियरंजन घोष कहते हैं, “हम बीते साल अपने गांव के इस लाल के सम्मान से बेहद खुश हुए थे। तब कौन जानता था कि महज एक साल के भीतर वे हमसे हमेशा के लिए जुदा हो जाएंगे। उनकी वजह से हमारे गांव का नाम विदेश तक लोग जानते थे।”

मिराटी गांव में महामृत्युंजय जाप भी कराया गया था।

प्रणब जैसा दोस्त मिलना मुश्किल
केंद्रीय मंत्री रहते प्रणब हर साल दुर्गापूजा के दौरान अपने घर में पूजा करते थे। षष्ठी से लेकर दशमी तक। बाद में राष्ट्रपति बनने पर भी यह सिलसिला 2015 तक जारी रहा था। उनके घर चालीस साल से दुर्गापूजा का आयोजन होता रहा। मुखर्जी इस लंबे अरसे में सिर्फ दो बार ही गांव नहीं आ सके थे। अब उनके निधन से गांव में होने वाली दुर्गापूजा भी अनिश्चित हो गई है।

प्रणब के बचपन के साथी बलदेव राय और नीहार रंजन बनर्जी कहते हैं, “प्रणब जैसा दोस्त होना मुश्किल है। उनको अपने पद का जरा भी अभिमान नहीं था। गांव आने पर हमसे उसी तरह मिलते-बोलते थे, जैसे हम बचपन में साथ खेलते और बात करते थे।”

प्रणब के पारिवारिक मित्र रहे रवि चटर्जी बताते हैं- हमने उनके स्वस्थ होने की कामना के साथ गांव में महामृत्युंजय जाप कराया था। हमें चमत्कार की उम्मीद थी। अफसोस...ऐसा नहीं हो सका।

प्रणबदा से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ सकते हैं...

1. कैसे 3 बार प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए थे प्रणब? यूपीए सरकार में हमेशा ट्रबल शूटर रहे

2. अटलजी को असरदार और मोदी को तेजी से सीखने वाला पीएम मानते थे; मोदी ने कहा था- जब दिल्ली आया, तब प्रणब दा ने उंगली पकड़कर सिखाया

3. 13 तस्वीरों में प्रणब मुखर्जी:करियर की शुरुआत क्लर्क के तौर पर की थी



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
प्रणब मुखर्जी के गांव मिराटी में उनके शीघ्र स्वस्थ होने के लिए विशेष पूजा की गई थी।


from Dainik Bhaskar /national/news/former-president-bharat-ratna-pranab-mukherjee-passes-away-127673571.html
via

Comments

Popular posts from this blog

today મોતના 58 દિવસ બાદ પહેલી વખત સામે આવ્યાં 15 પેજ, જેમાં લખ્યું હતું કે - પરિવાર સાથે રહેશે, કોઇ તેમનાથી દૂર ના જાય તેનું ધ્યાન રાખશે

સુશાંત સિંહ રાજપૂતની ડાયરીના 15 પેજ તેમની મોતના 58 દિવસ બાદ સામે આવ્યાં છે. આ પેજમાં તેમના સપના હતા, પોતાને તૈયાર કરવાની ઇચ્છા હતી અને કેટલીક વ્યથાઓ પણ હતી. તેમાં બોલિવૂડથી હોલિવૂડ સુધીની ફ્યૂચર પ્લાનિંગ હતું. બહેન અને ગર્લફ્રેન્ડ સાથેના સંબંધોની વાતો હતી. સુશાંતની ડાયરીમાં 2020ની પ્લાનિંગમાં સૌથી મહત્વનું તે પેજ હતું, જેમાં સુશાંતને તેવું લાગી રહ્યું હતું કે પરિવાર તેનાથી દૂર જઈ રહ્યો છે. પરિવારથી તે છૂટો પડી રહ્યો હતો. જો કે, તેમણે પ્લાનિંગ કર્યો અને લખ્યું પણ કે, તેઓ 2020માં પોતાની પ્લાનિંગમાં પરિવાર સાથે રહેશે. કોઇ તેમનાથી દૂર ના જાય તેનું ધ્યાન રાખશે. પબ્લિક લાઇફમાં સેલ્ફલેસ, કેરિંગ અને રિસ્પોન્સિબલ બનશે. આ ડાયરીના પેજની 5 મહત્વની વાતો સૂત્રોના જણાવ્યા પ્રમાણે, આ 15 પેજ પોલીસની મદદથી મીડિયા પાસે આવ્યાં છે. કહેવાઈ રહ્યું છે કે, આ પેજની મદદથી સુશાંતની પ્લાનિંગ સામે લાવવામાં આવી રહી છે. આ એક રીતે સુશાંતના પરિવારના તે આરોપોનો જવાબ છે કે જેમાં એવું કહેવાઈ રહ્યું હતું કે, સુશાંતને રિયાએ બંધક બનાવી દીધો હતો અને ફરિયાદ કર્યા બાદ પણ પોલીસે કંઇ નથી કર્યું. આ પેજમાં બહેન પ્રિયંકાનું ન...

Can The Heat Beat The Celtics In The 2022 Eastern Conference Finals? - BBALLBREAKDOWN

Can The Heat Beat The Celtics In The 2022 Eastern Conference Finals?    BBALLBREAKDOWN NBA playoffs 2022 - How the Boston Celtics and Miami Heat can take control of the East finals    ESPN Miami Heat at Boston Celtics Game 3 odds, picks and predictions    USA TODAY Sportsbook Wire Marcus Smart was the best player on the floor right when the Celtics needed him most    Celtics Blog Heat @ Celtics: Marcus Smart and Boston hope to maintain energy from Game 2    Sky Sports View Full Coverage on Google News from Top stories - Google News https://ift.tt/L3e1mpV via

today news बिहार चुनाव में बसपा का बटन दबाने पर भी ईवीएम से बीजेपी को वोट जा रहा? जानें सच

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि ईवीएम मशीन में बहुजन समाज पार्टी ( बसपा) के चुनाव चिन्ह हाथी का बटन दबाने पर भी भाजपा के चुनाव चिन्ह के सामने वाली लाइट जल रही है। सोशल मीडिया पर वीडियो बिहार चुनाव का बताया जा रहा है। इसके आधार पर भाजपा पर ईवीएम टेम्परिंग का आरोप लग रहा है। बिहार का चुनाव Jas चैनल की खबर है !! पहले ही चरण की वोटिंग में खेल सुरु हो गया है बीजेपी वोट #डाला_हाथी_पे जाता #कमल पे @ECISVEEP क्या इस पर कोई कार्यवाही होगी pic.twitter.com/zVgJEelgKr — Sajid Ali INC (@sajidalimarwadi) October 31, 2020 और सच क्या है? पड़ताल की शुरुआत में हमने अलग-अलग की-वर्ड के जरिए बिहार चुनाव में ईवीएम की गड़बड़ी से जुड़ी खबरें इंटरनेट पर तलाशनी शुरू कीं। दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार, बिहार की मुंगेर विधानसभा में एक बूथ पर राजद के चुनाव चिन्ह के सामने वोटिंग बटन न होने का मामला सामने आया था। हालांकि, किसी भी मीडिया रिपोर्ट में हमें ऐसा मामला नहीं मिला, जिसमें बसपा का बटन दबाने पर बीजेपी को वोट पड़ने की शिकायत हुई हो। वायरल वीडियो के स्क्...